ये दुनिया नफ़रतो का ढेर है, बिन ने निकलोगे तो हज़ारो मिलेंगी! तुम अपनी नफ़रते छांट लो और तुमसे अलग सोचने वाले अपनी नफ़रते और आपस मे लड़के रहना! ना वो तुम्हारी बात समझ पाएँगे ना तुम उन्ही बात! और ऐसे लड़ते - लड़ते ख़तम हो जाना!
पर क्या रिश्तो मे भी ऐसा ही होता है? बिल्कुल नही! तुम थोड़ा मेरा एतबार रखो, और मे तुम्हारा बावजूद इसके के गुंजाइश बहुत है फ़ास्लो मे, थोड़े कदम तुम बढ़ाओ, तुम हम बढ़ाए!
खैर! गुंजाइशे रखनी पड़ती है हर चीज़ मे!
कोशिशे रखेंगी किसी का दिल ना दुखे!
सच से तो हमेशा वास्ता ही है, पर चाहे तुम निगल सकते हो, कोई और नही!
तो सच भी वक़्त के मुंतज़ीर रहता है, याद रखे!
[Img Source : http://cmster.com/media/jn1ave5tTldLbUyRLV8xyiegmiGPauaFRtI3a14uGMJTbKR4Lx3EGj8AJUxNXoSi.jpg]
पर क्या रिश्तो मे भी ऐसा ही होता है? बिल्कुल नही! तुम थोड़ा मेरा एतबार रखो, और मे तुम्हारा बावजूद इसके के गुंजाइश बहुत है फ़ास्लो मे, थोड़े कदम तुम बढ़ाओ, तुम हम बढ़ाए!
खैर! गुंजाइशे रखनी पड़ती है हर चीज़ मे!
कोशिशे रखेंगी किसी का दिल ना दुखे!
सच से तो हमेशा वास्ता ही है, पर चाहे तुम निगल सकते हो, कोई और नही!
तो सच भी वक़्त के मुंतज़ीर रहता है, याद रखे!
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